तुम इश्क हो, तुम इश्क हो सहला सााँसोंं से जिला जाती हो। तुम इश्क हो, तुम इश्क हो सहला सााँसोंं से जिला जाती हो।
ऐसी कोई भूूल, धूल धूसरित दिखा समाज का इक फूल। ऐसी कोई भूूल, धूल धूसरित दिखा समाज का इक फूल।
चला गया वो मारकर मुझ पे धोखे का खंजर, अपनी मोहब्बत के जनाजे को ख़ुद उठाया मैंने। चला गया वो मारकर मुझ पे धोखे का खंजर, अपनी मोहब्बत के जनाजे को ख़ुद उठाया मैंन...
ऋषि भी इरफान के साथ मुल्क छोड़ चले।। ऋषि भी इरफान के साथ मुल्क छोड़ चले।।
उपरोक्त कविता में एक लड़की और एक तिल्ली की तुलना की गई है। मेरा यह मनना है कि कहीं ना कही एक लड़की और ... उपरोक्त कविता में एक लड़की और एक तिल्ली की तुलना की गई है। मेरा यह मनना है कि कही...
आँखे निस्तेज डरी हुई सी भय थिरकन से भरी हुई सी खतरा हर पल लगा हुआ सा गले में अटकी जान हूँ। आँखे निस्तेज डरी हुई सी भय थिरकन से भरी हुई सी खतरा हर पल लगा हुआ सा गले में ...